क्योंकि हम अक्सर को टाल देते है फिर उससे हम भूल जाते है फिर उससे कोई दिक्कत हमे होती है तब फिर याद आता है उस समस्या का इससे हमे ये सीख लेना चाहिए कि जब हम उस समस्या उत्पन के टाइम पे अगर रोक सकते है तो उसे उसी समय के दौरान उसे खत्म कर देना चाहिए
दूसरी तरकीब हमे सबसे पहले समस्याओं की पहचान ठीक तरीके से करनी चाहिए ऑर से ज्यादा से ज्यादा क्या नुकसान हो सकता है इसके बारे में सोचे फिर उस नुकसान को कम से कम या नुकसान न हो इसके बारे में सोचे फिर फिर समस्या को खत्म करने कि तरकीब निकाली चाहिए
और ये ध्यान रहें कि समस्या का सही से ठीक करने कि सोचो न कि उसे छुपा देने कि यहां पर हम एक example देख लेते है चोट लगी है और आप सिर्फ चोट को छुपा रहे है तो क्या इससे वो चोट खत्म है जाएगा नहीं फिर हमे चोट का इलाज करना है न कि छोट को छुपा देना चाहिए
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