आपने ये शब्द अक्सर सुना होगा कि सब्र करो यानी धैर्य बनाए रखिए।
और ये बात तो आप रेलगाड़ी या हवाई यात्रा के दौरान सुना होगा ।या ये भी तो तो सकता है किसी के मारने के बाद उसके घर वालो को दिलासा देने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।
सुनने में कितना छोटा सा बात है सब्र लेकिन ये बहुत ही कम लोगो से हो पता है । क्योंकि इंसान की फितरत ही ऐसी है की उसे हर बात में जल्दबाजी चाहिए लेकिन ये हो नही पाता है शायद इसीलिए लोग इसे सब्र का इमतिहन कहते हैं ।
आइए देखते है सब्र का इम्तेहान कहा कहा होता है ।
अगर आप किसी यात्रा पे है तो आपको ये देखने को जरूर मिलेगा ट्रेन को देर से आने या देर से पहुंचने पर आपका छोटा मोटा इम्तेहान होता है लेकिन यहां भी आप ज्यादा सब्र नहीं कर पाते । बेचैन हो जाते कभी ट्रैक पे जाके देखते कभी साईं बोर्ड पे देखते कभी पूछ ताछ विभाग के पास जाके पूछते ।
और हमारे कुछ जल्दीबाज भायलोग ट्रेन को छोरके बस से निकल जाते।
अब इससे हाई लेवल का सब्र कॉलेज या स्कूल परीक्षा परिणाम घोषित करने वाले दिन मन में पहले से टैंशन लिए छात्र को जब परिणाम घोषित किया जाता है ।
जब आपका कोई करीबी की मृत्यू हो जाय तब आपको इस पर
उस समय सब्र नहीं हो पाता है ।आप कितना भी सब्र करने वाले हो आपसे ये नही हो पाता ।
कुल मिलाके सब्र करना बहुत ही मुश्किल है न्य लोगो का लेकिन यही जब इंसान उम्रदराज हो जाता धीरे धीरे उसे जिन्दगी के नियम समझ में आ जाता हैं।
जिसके बाद वो सब्र करने लगाता है ।
हम सबको सब्र करना चाहिए जो ईश्वर हमें ऐसा सब्र करने वाले दिन दिखाता है वही ईश्वर हमें खुशी का दिन दिखाता है ।ये जीवन की हकीकत है ।जो इसपर जो सब्र करते हैं वही जीवन में सुखी रहते हैं।
और सब्र वाले मौके ईश्वर शायद इस लिए दिखाते हैं की बंदा उसपे भरोसा रखता है कि नहीं अगर आपको अपने रब पे भरोसा है तो आप हमेशा साबित कदम रहोगे ।
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